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स्वच्छ भारत अभियान के 10 वर्ष: उत्तर प्रदेश में बेहतर स्वच्छता के लिए क्राई ने चलाया अभियान

- लेनिन रघुवंशी 
 चाइल्ड राइट्स एंड यू – क्राई और जनमित्र न्यास स्वच्छता ही सेवा अभियान के उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले भर में स्वच्छता और जागरूकता गतिविधियों की एक श्रृंखला सफलतापूर्वक आयोजित की गई। मध्य सितंबर से अक्टूबर की शुरुआत तक चलने वाली इस पहल का उद्देश्य विभिन्न समुदायों में बेहतर स्वच्छता और स्वच्छता प्रथाओं को बढ़ावा देना था। अभियान ने विशेष रूप से बच्चों के बीच जल, सफाई एवं स्वच्छता यानि वॉश जागरूकता बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया, जो एक स्वच्छ और स्वस्थ वातावरण को बढ़ावा देता है।
इस वर्ष 2 अक्टूबर यानि गांधी जयंती के अवसर पर स्वच्छ भारत अभियान के एक दशक पूरे होने जा रहे हैं। यह अभियान महात्मा गांधी के स्वच्छ और स्वस्थ भारत के दृष्टिकोण से प्रेरित है, जो पूरे देश में स्थायी स्वच्छता और साफ-सफाई के तरीकों के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को मजबूत करता है।
अभियान के समापन पर बोलते हुए, क्राई -नॉर्थ की क्षेत्रीय निदेशक सोहा मोइत्रा ने बच्चों के जीवन में वॉश  के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, "वॉश बच्चों के स्वास्थ्य, शिक्षा और गरिमा के लिए आवश्यक है। स्वच्छ पानी और स्वच्छता तक पहुंच न केवल उन्हें बीमारी से बचाती है बल्कि स्कूल में उनकी उपस्थिति और भागीदारी भी सुनिश्चित करती है। खराब वॉश सुविधाएं उनके विकास में सीधी बाधा हैं, जिससे बच्चों खासतौर पर लड़कियों कि स्कूलों मे अधिक अनुपस्थिति होती है और उनके विकास पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। स्कूलों और समुदायों में स्थायी वॉश प्रणालियों के निर्माण के लिए संगठनों, समुदायों और स्थानीय शासन के बीच सहयोगात्मक प्रयास महत्वपूर्ण हैं। साथ मिलकर, हम बच्चों को एक सुरक्षित, स्वच्छ वातावरण प्रदान कर सकते हैं।"
उन्होंने आगे जोर देकर कहा, " वॉश बच्चों के विकास और संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, विशेष रूप से वंचित समुदायों में जहां स्वच्छ पानी और पर्याप्त स्वच्छता तक पहुंच अक्सर सीमित होती है। उचित स्वच्छता की कमी बीमारी, कुपोषण और चरम मामलों में मृत्यु का जोखिम बढ़ाती है। इसका शैक्षिक प्रभाव भी महत्वपूर्ण है, विशेष रूप से लड़कियों के लिए, जो अपर्याप्त मासिक धर्म स्वच्छता सुविधाओं के कारण स्कूल छोड़ सकती हैं।"
क्राई की भागीदारी ने वाराणसी जिले में स्थानीय समुदायों को जुटाया, जहां संगठन ने बेहतर स्वच्छता और सफाई की आदतों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से विभिन्न जागरूकता और सहभागिता गतिविधियों का नेतृत्व किया। जनमित्र न्यास 17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक 'स्वभाव स्वच्छता - संस्कार स्वच्छता' की थीम के साथ  जनमित्र न्यास के द्वारा अभियान चलाया गया | संस्था द्वारा इस अभियान के तहत 63 जागरूकता बैठक और 10 जागरूकता रैली कर के 1271 ग्रामीण समुदाय विशेष मुसहर समुदाय और बाल समूह के बच्चो को 'स्वभाव स्वच्छता - संस्कार स्वच्छता' पर जागरुक किया इसके साथ संस्था ने  116 सरकारी विभाग के साथ इस मुद्दे पर मीटिंग किया जिसमे बाल विकास परियोजना अधिकारी क्षेत्रीय सुपरवाईजर ( बाल विकास एंव पुष्टाहार ) ग्राम प्रधान, विद्यालय प्रवंधन समिति के अध्यक्ष व सदस्य , ग्राम पंचायत सदस्य सफाईकर्मी, विद्यालय के अध्यापक और प्रधानाध्याप, पंचायत सहायक रहे | 
क्राई ने वॉश क्षेत्र में व्यापक पहल की है, जिसमें ज्ञान, दृष्टिकोण और अभ्यास का मूल्यांकन, वॉश मानकों का मानचित्रण, स्कूली बच्चों को हाथ धोने और मासिक धर्म स्वच्छता के बारे में शिक्षित करना, समुदाय को बीमारियों के शुरुआती लक्षणों के बारे में जागरूक करना, पानी की गुणवत्ता की जांच, स्कूल स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन, और सामुदायिक शौचालयों के लिए पैरवी शामिल है। विशेष रूप से, सूखा प्रभावित क्षेत्रों के लिए विशिष्ट कार्यक्रम लागू किए गए।
स्वच्छता ही सेवा अभियान के अंतर्गत बीते दो हफ्तों मे क्राई ने समुदायों के साथ मिलकर काम किया। हमने लोगों की आदतें बदलने और पानी, सफाई और स्वच्छता (वॉश) की सुविधाओं को लंबे समय के लिए सुधारने पर ध्यान दिया ताकि वह सामुदायिक स्तर पर इन समस्याओं को हल कर सकें।

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