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जन स्वास्थ्य सम्मेलन: केन्द्र व राज्य सरकार की स्वास्थ्य नीतियों में आम आदमी की अनदेखी

- संजीव सिन्हा* 
जन स्वास्थ्य अभियान, उत्तरप्रदेश द्वारा दिनांक 5 अगस्त, 2024 को राज्य स्वास्थ्य सम्मेलन का आयोजन गोयल आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल, लखनऊ में किया गया। इस सम्मेलन में प्रदेश के कई जिलों की संस्थाएं, संगठन, यूनियन, स्वास्थ्य विशेषज्ञ और नेटवर्क के साथियों ने भागीदारी की। इस सम्मेलन में महत्त्वपूर्ण मुद्दों पर पेनल चर्चा भी की गई जिसमें स्वास्थ्य देखभाल, सेवाओं की मजबूती और उन तक पहुंच, दवाओं की नीति, महिला व बाल-स्वास्थ्य कुपोषण, महंगी स्वास्थ्य सेवाएँ और निजीकरण, स्वास्थ्य और जीवन शैली, व्यावसायिक स्वास्थ्य, स्वास्थ्य व सामाजिक निर्धारक के मुद्दों पर व्यापक चर्चा के साथ-ही-साथ विभिन्न जिलों से आए प्रतिभागियों ने स्वास्थ्य सेवाओं की जमीनी हकीकत के बारे में अपनी बात भी रखी। सम्मलेन में केंद्र व राज्य सरकार की नीतियों व जमीनी हकीकत पर विस्तार से बात हुई और अभियान की गति को मजबूत करने का प्रस्ताव पास किया गया। 
इस महत्वपूर्ण आयोजन में राष्ट्रीय संयोजक अमितावा गुहा ने पेंडेमिक ट्रीटी, दवाओं की बढ़ती कीमत व  अनावश्यक दवाओं के बारे में विस्तार से अपनी बात रखी। अमूल्य निधि, राष्ट्रीय सह संयोजक, जन स्वास्थ्य अभियान ने महंगी स्वास्थ्य सेवाओं और निजी अस्पतालों के रेट रेग्युलेशन के साथ स्टैंडर्ड ट्रीटमेंट गाइडलाइंस का जिक्र किया और साथ ही उत्तरप्रदेश में जिला अस्पतालों को प्राइवेट हाथों में सौंपने की सरकार की जनविरोधी नीति पर तीखे सवाल उठाए । 
डॉ वीणा गुप्ता ने कहा कि प्रदेश में कुपोषण और एनीमिया बढ़ता जा रहा है। उन्होंने जोर दिया कि इस बारे में लोगों में व्यापक जागरूकता अभियान चलाया जाना चाहिए और जनता के पक्ष में सरकार की नीतियों में बदलाव की मांग की। *डॉ जी डी वर्मा* ने ललितपुर और महोबा में 50 से अधिक सिलिकोसिस पीड़ितों के पुनर्वास और मुआवजे की बात रखी। 
इस सम्मेलन में 15 सदस्यीय कोर कमिटी का गठन किया गया जिसमें डॉ एस.पी.पांडे को अध्यक्ष और संजीव सिन्हा को संयोजक बनाया गया। 
इस सम्मेलन में छह महत्त्वपूर्ण प्रस्ताव पारित किए गए। इन मसलों पर केंद्रित करते हुए प्रदेश एवं जिला स्तर पर अभियान चलाया जाएगा। 
1. सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं की मजबूती और जन निगरानी 
2. जिला अस्पतालों को निजी हाथों में सौंपने का विरोध 
3. खाद्य सुरक्षा और बाल स्वास्थ्य 
4. दवाओं और जांच पर जन जागरूकता व जन नीति की पहल 
5. व्यावसायिक और पर्यावरणीय स्वास्थ्य 
6. स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के मुद्दे 
7. क्लिनिकल इस्टेब्लिशमेंट एक्ट की निगरानी और क्रियान्वयन
इस सम्मेलन को डॉ नीलम सिंह, प्रीति राय, रामायण यादव, अजय शर्मा, डॉ जी. डी. वर्मा, प्रीति श्रीवास्तव, आशाकर्मी नेता शीला, डॉ अभिनव पांडे, जितेंद्र पाण्डेय एस पी. पांडे, आंगनबाड़ी कर्मचारी यूनियन की नेता बबीता, जे पी शर्मा व अन्य सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी संबोधित किया।
सम्मेलन के मुख्य अतिथि डॉ ए. के. त्रिपाठी, पूर्व निर्देशक, राम मनोहर लोहिया हॉस्पिटल थे और गोयल इंस्टीट्यूट के प्राचार्य श्री अविनाश चन्द्र श्रीवास्तव  विशिष्ट अतिथि थे।
सम्मेलन का संचालन जन स्वास्थ्य अभियान, उत्तर प्रदेश के संयोजक संजीव सिन्हा ने किया।
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*जन स्वास्थ्य अभियान, उत्तर प्रदेश

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