भारत सरकार द्वारा संसद में वर्ष 2024-25 का बजट वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जी ने पेश किया| इस वर्ष का बजट 4030356.69 करोड़ है जो कि पिछले साल की तुलना में लगभग 0.955% की बढ़ोतरी हुई है| वहीं अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय का बजट मात्र 3183.24 करोड़ है जो कि कुल बजट का 0.0007 लगभग है| वर्ष 2021-22 में अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय का बजट 4810.77 करोड़ रूपये था, 2022-23 के लिए 5020.50 करोड़ रूपये प्रस्तावित किया था| पिछले साल 2023-24 में 3097.60 करोड़ था|
केंद्र सरकार ने महत्वपूर्ण योजनाओं के बजट में कमी की गयी है जोकि निम्न हैं:
- प्री मेट्रिक छात्र वृत्ति स्कीम में 106.9 करोड़ की कमी,
- पोस्ट मेट्रिक स्कीम में 80.38 करोड़ की बढ़ोतरी,
- मेरिट कम मीन्स स्कीम में 10.2 करोड़ की कमी,
- मौलाना आज़ाद फ़ेलोशिप स्कीम में 50.92 करोड़ की कमी,
- कोचिंग स्कीम में 20 करोड़ की कमी,
- इन्टरेस्ट सब्सिडि में 5.70 करोड़ की कमी,
- UPSC की तयारी स्कीम में शून्य 00 प्रावधान,
- क़ौमी वक़्फ़ बोर्ड तरक्कीयाती स्कीम के बजट में 1 करोड़ की कमी,
- स्किल डेव्लपमेंट इनिशिएटिव योजना में शून्य प्रावधान,
- नई मंज़िल योजना में शून्य प्रावधान,
- अल्पसंख्यक महिलाओं के नेतृत्व विकास योजना में शून्य 00 प्रावधान,
- उस्ताद स्कीम में शून्य प्रावधान,
- नयी मंज़िल स्कीम में शून्य प्रावधान, हमारी धरोहर स्कीम में शून्य प्रावधान,
- पीएम विरासत का संवर्धन स्कीम में 40 करोड़ की कमी,
- राष्ट्रीय अल्पसंख्यक वित्त एवं विकास निगम में केंद्र अंश में शून्य 00 प्रावधान,
- अल्पसंख्यको और मदरसा के लिए शैक्षणिक योजना में 8 करोड़ की कमी,
- राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के बजट में 1 करोड़ की कमी,
- भाषायी अल्पसंख्यकों के बजट में 1 करोड़ की कमी,
- मौलाना आज़ाद फ़ाउंडेशन के लिए शून्य प्रावधान,
- पीएमजेवीके में 310.90 करोड़ की बढ़ोतरी।
इस सरकार का सबसे ज़्यादा ज़ोर स्किल डेव्लपमेंट पर रहता है, इस मद में 61.40 करोड़ की कमी की गयी है|
ये दिखाता है कि सरकार अल्पसंख्यक समाज के साथ भेदभाव कर रही है सरकार नहीं चाहती कि भारत का अल्पसंख्यक समाज विकास के पथ पर बढ़ सके| माइनॉरिटी कोआर्डिनेशन कमेटी (MCC) इस बजट को भेदभावपूर्ण बजट मानता है व मांग करता है कि पिछड़े हुए समाज को ऊपर लाने के लिए विशेष प्रावधान के रूप में जनसँख्या के हिसाब केन्द्रीय बजट में कम से कम 1 लाख करोड़ बजट का आवंटन किया जाये|
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कंविनर, माइनॉरिटि कोर्डिनेशन कमेटी, गुजरात
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