- વાલજીભાઈ પટેલ બહુજન સમાજ પાર્ટીના સુરતના બનાવ પછી પાર્ટીના લાગણીશીલ નિરાશ યુવા મિત્રોને માર્ગદર્શન મળે તે માટે મેં અનુભવેલો કડવો પ્રસંગ લખવો મને જરૂરી લાગે છે. એટલે લખી રહ્યો છું. આમ તો મને લખવાની આદત નથી. હું તો લડનાર માણસ છું.
- सुधीर कुमार साम्राज्यवाद आज अपने खुद के अंतर्विरोधों की वजह से भी और दुनिया के अनेक हिस्सों में हो रहे साम्राज्यवाद विरोधी संघर्षों की वजह से भी गहरे संकट में आ गया है। इन संकटों से उबरने के लिए साम्राज्यवाद युद्ध की शरण में जाता है। युद्ध से बड़े पैमाने पर मौतें, विस्थापन, भुखमरी आदि समस्याएं पैदा होती हैं। मौजूदा दौर में रूस और यूक्रेन तथा इज़राइल और फिलिस्तीन के बीच चल रहे युद्धों ने मानवता के सामने एक तरफ एक भीषण संकट खड़ा किया है लेकिन शोषण के खिलाफ और मनुष्य की आत्मसम्मान के साथ जीने की चाह रखने वाले लोगों को यह अवसर भी मुहैया कराया है कि ये साम्राज्यवाद और पूंजीवाद को जड़ से उखाड़ फेंक दें। यह बातें प्रगतिशील लेखक संघ के राष्ट्रीय सचिव श्री विनीत तिवारी ने “साम्राज्यवाद और विस्थापन: साहित्य में उपस्थिति” विषय पर अपने सम्बोधन में कही। वे अखिल भारतीय प्रगतिशील लेखक संघ की भोपाल इकाई द्वारा आयोजित स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में व्याख्यान कार्यक्रम में बोल रहे थे। यह कार्यक्रम 14 अप्रैल 2024 को भोपाल स्थित मायाराम सुरजन भवन में कार्यक्रम आयोजित किया गया।